Rasraj : Pandit Jasraj
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Description
रसराज : पंडित जसराज
जसराज के जन्मते ही पिता पंडित मोतीराम ने उन्हें शहद चटाया था। उनके घर में इसे घुट्टी पिलाना कहा जाता है। माँ कृष्णा बाई का कहना था कि सभी बच्चों में से मोतीराम जी ने केवल जसराज को ही शहद चटाया था। बच्चों को माँ की सेवा करने का अच्छा अवसर मिला, क्योंकि वह 1957 तक जीवित रहीं। पिता तो अपने गाने के सिलसिले में आते-जाते रहते थे। गाँव पीली मन्दौरी, जहाँ जसराज का जन्म हुआ हिसार (हरियाणा) से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। उस समय वह पंजाब में था। गाँव से स्टेशन लगभग 12 किलोमीटर था।
एक दिन पंडित मोतीराम कहीं से कार्यक्रम करके गाँव लौटे। चूँकि स्टेशन और गाँव के बीच दूरी बहुत थी, तो ऊँट पर सवार होकर आये थे। साफ़-सुथरे सफ़ेद कपड़े पहने हुए थे। मैदान में छोटे-छोटे बहुत सारे बच्चे खेल रहे थे। एक बच्चे की तरफ़ इशारा करके पंडित मोतीराम ने किसी से पूछा कि भैया ये किसका बच्चा है ? तो उन्हें उत्तर मिला कि ये आप ही का बच्चा है। फौरन ऊँट से उतर पड़े और धूल में नहाये जसराज को गोदी में उठा लिया। न अपने सफ़ेद कपड़ों की परवाह की और न ही दो-ढाई वर्ष के जसराज की धूल में सनी पोशाक की ओर देखा। गोदी में उन्हें उठाकर पैदल-पैदल घर आ गये। उसके बाद क्या हुआ, इसकी स्मृति किसी को नहीं है। पंडित जसराज अपने माता-पिता की नौवीं सन्तान हैं।
Additional information
Weight | 1 kg |
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Dimensions | 21 × 14 × 4 cm |
Authors | |
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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