Samanantar

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Author: Ramdhari Singh Dinkar

Availability: 5 in stock

Pages: 219

Year: 2008

Binding: Hardbound

ISBN: 9788180313356

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

समानांतर

युगदृष्टा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा अनूदित विश्व-काव्य की श्रेष्ठ कृतियों का संकलन है। इस पुस्तक में एक तरफ जहाँ हमें- पुर्तगीजी, स्पेनिश, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, अमरीकी, चीनी, पोलिश एवं भारतीय भाषाओं में मलयालम की अछूती भावभूमि और नवीन भंगिमाओं वाली कविताएँ मिलती हैं तो दूसरी तरफ डी.एच. लारेंस की वे कविताएँ भी जो यूरोप और अमरीका में बहुत लोकप्रिय नहीं हो सकीं, लेकिन जिनका राष्ट्रकवि दिनकर जी ने चयन ही नहीं बल्कि सरल भाषा-शैली में हिन्दी में अनुवाद भी किया और जो भारतीय चेतना के आसपास चक्कर काटती हैं। अनूदित होते हुए भी नितान्त मौलिक प्रतीत होनेवाली कालजयी कविताओं का यह अनूठा संकलन है जो निश्चित ही पाठकों को पसन्द आएगा।

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Hardbound

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Publishing Year

2008

Pulisher

Language

Hindi

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