Srijan Ke Vividh Roop Aur Alochana

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Srijan Ke Vividh Roop Aur Alochana

Srijan Ke Vividh Roop Aur Alochana

695.00 520.00

In stock

695.00 520.00

Author: Lahari Ram Meena

Availability: 5 in stock

Pages: 192

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789362872418

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सृजन के विविध रूप और आलोचना

सृजन के विविध रूप और आलोचना शीर्षक इस पुस्तक में श्री लहरी राम मीणा के कुछ वैचारिक निबन्ध हैं जो सैद्धान्तिक भी हैं और साहित्यकार विशेष पर भी केन्द्रित हैं तथा लोकसाहित्य और मध्यकाल से लेकर समकालीन साहित्य तक का विवेचन करते हैं। इन निबन्धों के विषय अलग-अलग हैं पर सबके विश्लेषण में लेखक की दृष्टि राष्ट्रीय और सांस्कृतिक है तथा ये सभी साहित्य के अनुशासन में प्रस्तुत हैं। लेखक ने पूर्व के आलोचकों और साहित्य- विचारकों के सन्तुलित निष्कर्षों को अपने कुछ नये उद्धरणों द्वारा भी पुष्ट किया है जिनसे असहमति की गुंजाइश लगभग नहीं है। श्री मीणा ने अपने विवेचन और विश्लेषण को कहीं उलझाया नहीं, बल्कि साक्ष्यों द्वारा साफ़गोई से व्यक्त किया है, जो आलोचना और आलोचक का गुण होना चाहिए।

लेखक और पुस्तक को शुभकामना !

– विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

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Hardbound

Language

Hindi

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Publishing Year

2024

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