Teesmaar Khan

-13%

Teesmaar Khan

Teesmaar Khan

80.00 70.00

In stock

80.00 70.00

Author: Miguel De Cervantes Translated Srikant Vyas

Availability: 5 in stock

Pages: 80

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9788174830340

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

तीसमार खां

1

वह हमेशा पढ़ता ही रहता था। जब देखो तब किताब हाथ में और नज़र अक्षरों पर। दिन-रात वह पढ़ता रहता था। पढ़ने के सिवा उसे किसी बात की खबर नहीं रहती थी। खाने-पीने तक का ख्याल नहीं रहता था, न किसी से बोलना, न किसी से बात करना। बस किताब और वह।

तरह-तरह की किताबें पढ़ता था वह। वीरों की कहानियाँ, युद्धों के किस्से, साहस और पराक्रम की गाथाएँ दूर देशों की यात्रा और साहसपूर्ण खोजों की कथाएँ।

दिन-रात वह इन कहानियों में डूबा रहता था। किसी से बातें करता था तो इसी विषय पर। सपने देखता था तो इन्हीं कहानियों के। इस तरह की किताबों का उसे इतना शौक था कि वह इन्हें खरीदने के लिए अपने घर की चीजें बेच देता था। चीज के न रहने पर वह अपनी जमीन-जायदाद बेचकर किताबों के लिए पैसे जमा किया करता था। यहाँ तक कि वह खाना न खरीदकर किताबें खरीदना पसन्द करता था।

और वह इन कहानियों की किताबों में जो कुछ पढ़ता था, उस सब पर पूरा विश्वास भी करता था। वह परियों और जादू के देश को भी सच मानता था। भूत-प्रेतों और दैत्यों के किस्सों पर उसे कभी शक नहीं होता था।

उसके घर का सारा काम-काज उसकी एक भतीजी करती थी। उसे तो अपनी किताबों के अलावा और किसी चीज की सुध नहीं रहती थी। यहाँ तक कि नौकर को भी किताब पढ़कर सुनाया करता था और उसे काम से रोकता था।

इस तरह बहुत पढ़ने के कारण थोड़े ही दिनों में उसका दिमाग फिर गया। न ठीक से खाना, न सोना। दिमाग खराब न हो तो क्या हो ! अब वह दिन-रात कल्पना की दुनिया में ही मगन रहने लगा। उसने अपने-आपको भी एक बड़ा भारी वीर मान लिया। वह सोचने लगा कि वह खुद भी एक बड़ा पराक्रमी योद्धा है और लोगों को अन्याय से बचाना और उनकी रक्षा करना उसका काम है। वह कई बड़ी-बड़ी लड़ाइयाँ लड़ चुका है और बड़े-बड़े वीरों को मार चुका है। उसने मान लिया कि उसने अपनी तलवार के जोर से एक बड़ा भारी साम्राज्य कायम किया है और अनेक देशों को जीता है। उसने अरब और ईरान को हाल में ही जीतकर अपने राज्य में मिलाया था। अब वह शहंशाह था। दुनिया जहान का मालिक था !

एक बार उसे ख्याल आया कि मैंने इतना बड़ा राज तो कायम कर लिया है, लेकिन अपने राज के लोगों को सुख से रखना भी मेरा ही काम है। अपने राज के लोगों का नहीं बल्कि दुनिया-भर के लोगों का दुःख दूर करने का उसने बीड़ा उठाया। उसने तय किया कि लोगों का दुःख दूर करने के मार्ग में जो भी कठिनाइयाँ आएगी, उन्हें वह खुशी के साथ सहेगा और हर तरह का कष्ट उठाकर लोगों का दुःख दूर करेगा।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Teesmaar Khan”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!