Yahan Se Dekho

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Yahan Se Dekho

Yahan Se Dekho

250.00 188.00

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250.00 188.00

Author: Kedarnath Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 88

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 8171195067

Language: Hindi

Publisher: Radhakrishna Prakashan

Description

यहाँ से देखो

केदारनाथ सिंह की कविताओं का संसार करीब-करीब समूचा भारतीय संसार है–वह इस अर्थ में कि उन्हें उन तमाम स्रोतों का पता है जहाँ से जीवन मिलता है—भले ही आज की सर्वव्यापी मानव-विरोधी मुहिम में वह जीवन कुछ कम हो चला हो और कभी-कभी उसके लुप्त हो जाने का भी खतरा हो—और केदारनाथ सिंह की इस आस्था को उनसे छीन लेना असम्भव है कि मानवीय अस्तित्व को—आज के भारत में आदमी बनकर रहने की इच्छा को, अर्थ तथा बल देने के लिए उन्हीं स्रोतों पर पहुँचना होगा और जिस ज़मीन से वे निकल रहे हैं, उसे ही और गहरा खोदना होगा।…इस प्रक्रिया में केदारनाथ सिंह की भाषा और नम्य और पारदर्शक हुई है और उसमें एक नई ऋजुता और बेलौसी दिखाई पड़ती है।

— विष्णु खरे

जीवन तो हर अच्छे कवि की कविताओं में होता है। लेकिन जीवन की स्थापना बहुत कम कवि कर पाते हैं। टूटा हुआ ट्रक भी पूरी तरह निराश नहीं है। बिल्कुल मशीनी चीज़ टूटने के बाद भी यात्रा पर चल देने का तैयार है। वनस्पति इसकी मरम्मत कर रही है…जो क्षुद्र है, नष्टप्राय है उसे देखकर भी केदारजी को लगता है कि जीवन रहेगा, पृथ्वी रहेगी—‘‘सिर्फ इस धूल का लगातार उड़ना है जो मेरे यकीन को अब भी बचाये हुए है—नमक में, और पानी में और पृथ्वी के भविष्य में।’’ जो नष्ट हो जाता है वह कितना ही क्षुद्र क्यों न हो, उन्हें दुखी करता है (कीड़े की मृत्यु)। जीवन के प्रति यह सम्मान ही केदारजी के इस संग्रह की मुख्य अन्तर्वस्तु है।

— अरुण कमल

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Binding

Hardbound

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Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

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