Yatra Tatra Sarvatra

-19%

Yatra Tatra Sarvatra

Yatra Tatra Sarvatra

295.00 240.00

In stock

295.00 240.00

Author: Sharad Joshi

Availability: 4 in stock

Pages: 352

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789355183644

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

यत्र तत्र सर्वत्र

हिन्दी के विशिष्ट व्यंग्यकार शरद जोशी की 101 नयी व्यंग्य-रचनाओं का संग्रह है यत्र तत्र सर्वत्र। भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित उनकी अन्य दो रचनाएँ हैं- यथासम्भव और हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे। यत्र तत्र सर्वत्र की रचनाएँ एक बार फिर यह बताती हैं कि शरद जोशी अपने चिन्तन और लेखन के स्तर पर व्यापक मानवीय सरोकारों के साथ कितनी संवेदनशीलता और बौद्धिक सघनता से जुड़े हुए थे।

समकालीन जीवन और समाज की तमाम समस्याओं और विसंगतियों पर तीखी चोट करने वाली इन व्यंग्य-रचनाओं में एक सिद्धहस्त व्यंग्यकार की बहुत-कुछ तोड़ने और बनाने की भीतरी छटपटाहट भी है। इनमें प्रेम, सौन्दर्य, साहित्य, राजनीति, भाषा, पत्रकारिता, अध्यात्म, नैतिकता आदि तमाम विषय-सन्दर्भों पर शरद जी की बेलौस और बेधक प्रतिक्रियाएँ हैं।…

यह कहा जा सकता है कि यत्र तत्र सर्वत्र शरद जोशी के विशाल पाठक-वर्ग के साथ ही व्यंग्य-साहित्य के सभी पाठकों के लिए, निस्सन्देह, एक उपलब्धि है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Yatra Tatra Sarvatra”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!