पेशे से लेखक-पत्रकार। 1966 से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में काम किया। 1970-74 से आकाशवाणी दिल्ली के हिंदी समाचार विभाग से संबद्ध रहे। 1970 से 1975 तक साप्ताहिक ‘दिनमान’ में नियमित लेखन किया। जनपक्षीय पत्रकारिता और वैकल्पिक मीडिया विकसित करने के उद्देश्य से 1980 में ‘समकालीन तीसरी दुनिया’ का संपादन-प्रकाशन शुरू किया। 1974 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के प्रथम जनतांत्रिक चुनाव की दैनिक ‘जनसत्ता’ में रिपोर्टिंग की। लगभग पाँच वर्षों तक ‘जनसत्ता’ में समाचार-विचार नाम से मीडिया पर एक साप्ताहिक कॉलम लिखा। 1990 के दशक के प्रारंभिक वर्षो में दिल्ली यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (डीयूडब्ल्यूजे) के अध्यक्ष।
अनेक महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का संपादन व अनुवाद किया : आज का भारत (रजनी पामदत्त), भारत का स्वाधीनता संग्राम (ई.एम.एस. नंबूदिरिपाद), भारतीय जेलों में पाँच साल (मेरी टायलर), प्राचीन भारत में राजनीतिक हिंसा (उपिंदर सिंह), माओ त्सेतुङ् का राजनीतिक दर्शन (मनोरंजन मोहंती), औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति (न्गगी वा थ्योंगों), तीसरी फसल (पी.साईनाथ), भारत में बंधुआ मजदूर (महाश्वेता देवी), तानाशाह की क़ैद में (केन सारो-बीवा), लाल पोस्ते के फूल (अ लाए), अमिल्कर कबराल: जीवन संघर्ष और विचार आदि।
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