अनूप बरनवाल का जन्म 15 जुलाई 1973 को जिला आजमगढ़ (यूपी) के एक छोटे से कस्बा ठेकमॉ बाजार में हुआ। आपके पिता का नाम श्री मदन मोहन एवं माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती उर्मिला देवी है। आप तिलकधारी महाविद्लायल, जौनपुर से बी.एस-सी. व एल-एल. बी. की पढाई की और एल-एल. बी में विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वोच्च स्थान हासिल कर गोल्ड मैडल प्राप्त किया। आप वर्ष 1998 से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे है।
वकालत के साथ आप एकेडमिक रुचि भी रखते है। आपने विधिक पत्रिका ‘वायस आफ लॉ एण्ड जस्टिस’ प्रारंभ किया और इसके सम्पादन का दायित्व निभा रहे है। आप इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा निकले जा रहे इंडियन लॉ रिपोर्टर के संपादन समूह के सदस्य है। आप द्वारा संवैधानिक महत्त्व की कई जनहित याचिकायें दाखिल की गयी है, जिसमे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ‘भारत के निर्वाचन आयोग’ की चयन प्रक्रिया में सुधर हेतु दाखिल याचिका प्रमुख है। आप द्वारा समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए ‘मिशन अनुच्छेद 44 : एक राष्ट्र, एक सिविल कानून’ चलाया जा रहा है।
आप द्वारा लिखित पुस्तक ‘प्रिन्सिपुल एण्ड प्रैक्टिस ऑफ रिट जुरिस्डिकशन’ (2004); ‘निर्माण-पुरुष डॉ. अम्बेडकर की संविधान यात्रा’ (2017); भारतीय सिविल संहिता का सिद्धान्त (2017) एवं तीन तलाक की मीमांसा (2018) प्रकाशित हुई हैं।
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