Bachchan Singh

Bachchan Singh

बच्चन सिंह

‘हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास’ के रूप में हिन्दी को एक अनूठा आलोचना-ग्रन्‍थ देनेवाले बच्चन सिंह का जन्म ज़िला—जौनपुर के मदवार गाँव में हुआ था।

शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में हुई।

आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं : ‘क्रान्तिकारी कवि निराला’, ‘नया साहित्य’, ‘आलोचना की चुनौती’, ‘हिन्दी नाटक’, ‘रीतिकालीन कवियों की प्रेम-व्यंजना’, ‘बिहारी का नया मूल्यांकन’, ‘आलोचक और आलोचना’, ‘आधुनिक हिन्दी आलोचना के बीज शब्द’, ‘साहित्य का समाजशास्त्र और रूपवाद’, ‘आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास’, ‘भारतीय और पाश्चात्य काव्यशास्त्र का तुलनात्मक अध्ययन’ तथा ‘हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास’ (आलोचना); ‘लहरें और कगार’, ‘पांचाली’, ‘सूतो व सूतपुत्रो वा’ (उपन्यास); ‘कई चेहरों के बाद’ (कहानी-संग्रह); ‘महाभारत की कथा’ (बुद्धदेव बसु की पुस्तक का अनुवाद)। ‘नागरी प्रचारिणी पत्रिका’ के लगभग एक दशक तक सम्पादक रहे।

निधन : 5 अप्रैल, 2008

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