Chitra Mudgal
चित्रा मुद्गल
10 दिसम्बर 1944 को चेन्नई में जन्मी और मुंबई में शिक्षित चित्रा मुद्गल आधुनिक कथा-साहित्य की बहुचर्चित, सम्मानित, और प्रतिनिधि रचनाकार हैं। प्रखर चेतना की संवाहिका चित्रा जी के पास अनुभवों का विपुल भंडार है। उन्होंने समाज के विभिन्न समुदायों, विशेषकर दलित-शोषितों के बीच पैठ कर काम किया है। आंदोलनमुखी संगठनों से इनका गहरा नाता है। इनकी मान्यता है कि सामाजिक परिवर्तनों की दिशा में आंदोलनों की निर्णायक भूमिका है।
दूरदर्शन के टेलीफिल्म ‘वारिस’ का निर्माण तो चित्रा जी ने किया ही है, प्रसिद्ध कहानियों पर आधारित ‘एक कहानी’, ‘मंझधार’, ‘रिश्ते’ सरीखे धारावाहिकों में इनकी अनेक कहानियां सम्मिलित हुई हैं। चित्रा जी की अनेक कहानियों पर टेलीफिल्मों का निर्माण भी हुआ है। समकालीन यथार्थ को वह जिस अद्भुत भाषिक संवेदना के साथ अपनी कथा-रचनाओं में परत-दर-परत अनेक अर्थछवियों में अन्वेषित करती हैं, वह चकित कर देने वाला है। अब तक चित्रा मुद्गल के 13 कहानी संग्रह, पांच संपादित पुस्तक और दो वैचारिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं।
पुरस्कार इन्हें बहुचर्चित उपन्यास ‘आवां’ पर सहस्राब्दि का पहला अंतर्राष्ट्रीय ‘इन्दु शर्मा कथा सम्मान’ लंदन (इंग्लैंड) में पाने का गौरव प्राप्त हुआ। चित्रा जी को बिड़ला फाउंडेशन का ‘व्यास सम्मान’, ‘हिंदी अकादमी, दिल्ली का ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘विकास’ काया फाउंडेशन द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए ‘विदुला सम्मान’ और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘साहित्य भूषण सम्मान’ से समलंकृत किया गया है।
संप्रति – प्रसार भारती बोर्ड, भारत सरकार की सदस्या एवं प्रसिद्ध समाज सेविका।
कृतियाँ
उपन्यास – आवां, गिलिगडु, एक जमीन अपनी।
कहानी-संग्रह लपटें, बयान – ( (गरीब की माँ, बयान, डोमिन काकी, आतंकवाद, पहचान, ऐब, राक्षस, गणित, मिट्टी, नाम, गली, रिश्ता, शहर, सेवा, सेवक, रक्षक-भक्षक, बोहनी, व्यावहारिकता, पत्नी, पाठ, मानदण्ड, बाज़ार प्राथमिकता, नसीहत, मर्द, भूखे-नंगे, दूध, धर्म, घर।), भूख (भूख, लेन, चेहरे, फातिमाबाई कोठे पर ही नहीं रहती, इस हमाम में, ब्लेड, जरिया, वाइफ स्वैपी, होना संपादक की पत्नी—एक लेखिका का, बंद।), मामला आगे बढ़ेगा अभी (मामला आगे बढ़ेगा अभी, अग्निरेखा, शिनाख्त हो गई है, पाली का आदमी, त्रिशंकु, लाक्षागृह, अपी वापसी, लिफाफा, गर्दी, शून्य, दरमियान, मोरचे पर।), दस प्रतिनिधि कहानियाँ (गेंद, लेन, जिनावर, जगदंबा बाबू आ रहे हैं, भूख, प्रेतयोनि, बलि, दशरथ का वनवास, केंचुल, बाघ।), लकड़बग्घा (प्रमोशन, सौदा, अभी भी, जगदंबा बाबू आ रहे हैं, लकड़बग्घा, मुआवज़ा, बेईमान, ट्रेन छूटने तक, ताशमहल, सफेद सेनारा।), इस हमाम में, ग्यारह लंबी कहानियाँ, जहर ठहरा हुआ, लाक्षागृह, अपनी वापसी, मेरी रचना यात्रा, जगदंबा बाबू गाँव आ रहे हैं, जानवर।
बाल-साहित्य देश-देश की लोक कथाएँ, माधवी-कन्नगी (उपन्यास), सबक, जंगल का राज, नीति कथाएँ (कहानी-संग्रह)
नाट्य रूपांतरण बूढ़ी काकी तथा अन्य नाटक, पंच परमेश्वर तथा अन्य नाटक, सद्गति तथा अन्य नाटक।
संपादन दूसरी औरत की कहानियाँ, असफल दांपत्य की कहानियाँ, टूटते परिवारों की कहानियाँ।