कहानी संग्रह ‘पसरती ठण्ड’ और क़िस्सागोई ‘कोटड़ी वाला धोरा’।
मेरे लेखन से किसी की आँख भर आए, किसी के अधरों पर स्मित फ़ैल जाए तो लगता है दुनिया की सारी ख़ुशी मुझे मिल गयी। लेखन से प्रसिद्धि पैसा और पद की इच्छा कभी न रही। ऐसा नहीं है कि मैं कोई असाधारण व्यक्ति हूँ जिसकी सारी इच्छाएँ मर गयी हों परन्तु प्रसिद्धि जैसी अस्थायी वस्तु के लिए इतना परिश्रम करना, इतनी चिन्ता करना, शतरंज की चालें चलना मुझे नहीं भाता।