डॉ. कमल किशोर गोयनका ( 11 अक्टूबर, 1938, बुलंदशहर) ‘प्रेमचंद स्कॉलर’ के रूप में विख्यात हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल., प्रेमचंद पर पीएच.डी. एवं डी.लिट्. दिल्ली के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से अवकाश प्राप्त भारत के एकमात्र शोधार्थी हैं। वे केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के उपाध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी अनुसंधान परिषद के आजीवन सदस्य हैं। उनकी सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। वे हिंदी अकादमी (दिल्ली), भारतीय भाषा परिषद (कोलकाता), उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा), व्यास सम्मान, हिंदी प्रचारिणी सभा (मॉरिशस) से पुरस्कृत होने के साथ ही प्रेमचंद शताब्दी वर्ष 1980 से अब तक विभिन्न विश्वविद्यालयों, अकादमियों, साहित्यिक संस्थाओं में सम्मानित हैं।
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