Gandhi Ramkatha Vichar-Kosh

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Gandhi Ramkatha Vichar-Kosh

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Author: Kamal Kishore Goyenka

Availability: 5 in stock

Pages: 250

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789354914102

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

गाँधी रामकथा विचार-कोश

भारतीय जीवन में रामकथा की महत्ता और लोकप्रियता अपरिमित है और समय-समय पर रामकथा के सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक, नैतिक और साहित्यिक उपयोगिता को रेखांकित किया गया है। भगवान राम ने अपने निजी जीवन, पारिवारिक जीवन और राजकीय जीवन में सर्वोत्तम आदर्शों की स्थापना की। भारत में ही नहीं, अपितु इंडोनेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड और म्यांमार में भी रामकथा का प्रचुर चित्रण किया जाता है जो भौगोलिक व सांस्कृतिक दृष्टि से एकसूत्र में बाँधता है। गांधीजी के जीवन-दर्शन में भी धर्मगत अध्ययन और चिंतन का गहरा प्रभाव था। भगवान राम की रीति-नीति देश-काल के अनुरूप थी और इसी के आलोक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी का स्वप्न देखा और राम का जीवन-चरित्र ही उनका रामराज्य का रास्ता बना। यही कारण है कि गांधीजी राममय हो गए थे और उन्होंने स्वराज्य संघर्ष को राममय बना दिया था। उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल से राम को अपने सत्याग्रह, असहयोग, निष्क्रिय विरोध, सविनय अवज्ञा, तपोबल, प्राकृतिक उपचार, भजन-कीर्तन-प्रार्थना आदि अनेक विषयों से जोड़ दिया और देश की जनता को एक विश्वसनीय आधार दिया। गांधीजी ने कहा था कि सीताजी अपने चरखे पर सूत कातती थीं और स्वनिर्मित वस्त्र पहनती थीं। सीता जैसी आदर्शवादी स्त्रियों के सहयोग से निश्चित ही हम स्वराज्य प्राप्त कर सकते हैं इसीलिए गांधीजी ने पुरुष केंद्रित आंदोलनों में स्त्रियों की भागीदारी सुनिश्चित करके उन्हें पुरुष-स्त्री का संयुक्त मोर्चा बना दिया और सीता के उदाहरण से उनमें हीनता-बोध के भाव को समाप्त कर दिया।

यह पुस्तक महात्मा गांधी के धर्म-अधर्म, सत्य, सत्याग्रह, अहिंसा, ईश्वर, आत्मा, शस्त्रबल, आत्मा की आवाज आदि अनेक दार्शनिक शब्दों को उनके गांधी-दर्शन के रूप में परिभाषित करती है और उनके स्वराज्य संघर्ष को राम के संघर्ष से तथा रामकथा के प्रसंगों, संदर्भो व उपलब्धियों से रू-ब-रू कराती है। महात्मा गांधी अपने उद्बोधन, लेखन ही नहीं अपने व्यक्तिगत जीवन में भी हर समय राम को याद करते रहे और यह पुस्तक गांधी के राममय होने का लेखा जोखा है।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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