बांग्ला साहित्य के मूर्धन्य हस्ताक्षर रवीन्द्रनाथ टैगोर बीसवीं शताब्दी के शुरुआती चार दशकों तक भारतीय साहित्याकाश में ध्रुवतारे की तरह चमकते रहे। समृद्ध और शिक्षित परिवार में जन्मे रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भारती (1877) से लेखन शुरू किया। गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 ई. में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लगभग 50 काव्य-संग्रहों, जिनमें तीन हजार से ज्यादा कविताएँ संकलित हैं; लगभग 42 कहानियों एवं कई महत्त्वपूर्ण नाटकों व उपन्यासों के सृजन का इन्हें श्रेय प्राप्त है। पोस्टमास्टर, खाता, त्याग, छुट्टी और काबुलीवाला इनकी महत्त्वपूर्ण कहानियाँ हैं तो वाल्मीकि प्रतिभा, कालेर यात्रा, राजा ओ रानी, विसर्जन, मुक्तधारा और राष्ट्रकरबी प्रमुख नाटक। गोरा, घरे-बाइरे, योगायोग आदि इनके प्रमुख उपन्यास हैं।
View cart “Tash Ka Desh” has been added to your cart.
View cart “Tash Ka Desh” has been added to your cart.