लेखक सखाराम गणेश देउस्कर (1869-1912) भारतीय जन-जागरण के ऐसे विचारक हैं जिनके चिंतन और लेखन में स्थानीयता और अखिल बांग्ला तथा चिंतन-मनन का क्षेत्र इतिहास, अर्थशास्त्र, समाज एवं साहित्य था। उनके कुछ प्रमुख ग्रंथ हैं: ‘महामति रानाडे’, ‘आनन्दीबाई’, ‘तिलकेर मोकद्दमा ओ संक्षिप्त जीवन चरित’, ‘कृषकेर सर्वनाश’ आदि।
बाबूराव विष्णु पराड़कर ने लगभग शताब्दीभर पूर्व इस पुस्तक का अनुवाद किया। सन् 1910 में प्राकशित हिन्दी अनुवाद की पुनर्प्रस्तुति, वृहद भूमिका के साथ मैनेजर पाण्डेय ने की है।
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