संगीता अग्रवाल का जन्म एक व्यापारिक एवं राजनीतिक परिवार में हुआ। पिताजी श्री नानक चन्द्र अग्रवाल ने अपने जीवन में जयप्रकाश नारायण एवं प्रो. मधु दंडवते के सान्निध्य में युवा जनआन्दोलन में अहम भूमिका निभायी थी। वही विचार एवं संघर्ष करने की भावना उन्होंने अपनी पहली सन्तान संगीता अग्रवाल को दी। यहाँ तक कि संगीता का नामकरण भी जयप्रकाश नारायण एवं प्रो. मधु दंडवते ने किया था…संगीता।
स्वर्गीय माँ श्रीमती सन्तोष अग्रवाल ने हमेशा जीवन में मेहनत के साथ मूल्यों पर खड़े रहने की शिक्षा दी।
अग्रवाल परिवार स्वतन्त्रता आन्दोलन से लेकर समाज में फैली कुरीतियों के ख़िलाफ हमेशा खड़ा रहा है। यही प्रेरणा संगीता अग्रवाल को विरासत में मिली है। संगीता ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत कॉलेज के दिनों में ही पुस्तक एवं दैनिक अख़बारों में कहानियाँ एवं लेख लिखकर की। साल 2010 में संगीता भारत जिन्दल के साथ परिणय-सूत्र में बँधीं। दोनों की एक सन्तान है भव्या जिन्दल।
संगीता अग्रवाल की पहली किताब एक से बढ़कर एक शिखर महिलाएँ और दूसरी किताब एक से बढ़कर एक शिखर पुरुष प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानों से प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनकी पहली किताब एक से बढ़कर एक शिखर महिलाएँ को गुजरात के प्रतिष्ठित अख़बार ‘सन्देश’ में हर मंगलवार को काफी समय से नियमित अनूदित करके प्रकाशित किया जा रहा है। इस अख़बार के पाठकों की संख्या 10 लाख से भी ज़्यादा है।
View cart “Media Mein Mahilaon Ki Bhoomika” has been added to your cart.
View cart “Media Mein Mahilaon Ki Bhoomika” has been added to your cart.