Shirish Khare

Shirish Khare

शिरीष खरे

पिछले दो दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय शिरीष खरे वंचित और पीड़ित समुदायों के पक्ष में लिखते रहे हैं। राजस्थान पत्रिका और तहलका में कार्य करते हुए इनकी करीब एक हज़ार रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं। भारतीय गाँवों पर उत्कृष्ट रिपोर्टिंग के लिए वर्ष 2013 में ‘भारतीय प्रेस परिषद’ और वर्ष 2009, 2013 और 2020 में ‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ द्वारा लैंगिक संवेदनशीलता पर स्टोरीज़ के लिए ‘लाडली मीडिया अवार्ड’ सहित सात राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित शिरीष खरे की अभी तक दो पुस्तकें तहक़ीकात और उम्मीद की पाठशाला प्रकाशित हो चुकी हैं।

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