Aap Hi Baniye Krishna

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Aap Hi Baniye Krishna

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Author: Girish P. Jakhotiya

Availability: 5 in stock

Pages: 171

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9788126715039

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

आप ही बनिए कृष्ण

महाभारत के चरित्रों में अकेले कृष्ण हैं, जिनका किसी न किसी रूप में प्रायः सभी चरित्रों से जुड़ाव रहा। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे सिंहासनपर विराजमान सम्राट से लेकर गली-कूचों में घूमनेवाली ग्वालिनों तक सबसे उनके स्तर पर जाकर संवाद ही नहीं कर लेते थे, उन्हें अपनी नीति और राजनीति का पोषक भी बना लेते थे। बचपन से लेकर प्रौढ़ावस्था तक देश-भर में उन्होंने जो किया और जैसे किया, उनके सिवा और कौन कर सका ?

अपने हर काम से वे विपक्षी को पस्त-परास्त और निरस्त्र ही नहीं कर देते थे, उसे अपना अनुरक्त भी बना लिया करते थे। जो भी मिला, जहाँ मिला, कृष्ण ने उसे अपना बना लिया। इसके लिए फिर चाहे उन्हें कई पत्नियों का पति और हजारों स्त्रियों का स्वामी ही क्यों न बनना पड़ा। बहन सुभद्रा को अर्जुन के साथ भगा देना जरूरी समझा तो रिश्ते के भाई शिशुपाल का वध करने से भी वे नहीं झिझके। अपने कारनामों के औचित्य के अद्भुत्-अपूर्व तर्क भी वे जुटा लिया करते थे। धरती के भविष्य को सँवारने और पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ सबको प्यार देने और सबका प्यार पाने में कृष्ण पूर्णतः सफल सिद्ध हुए। योगेश्वर कृष्ण की क्रान्तिकारी नीतियों, सफल रणनीतियों, दार्शनिक विचारों और नेतृत्व की अद्भुत शैलियों को प्रबन्ध की दृष्टि से विवेचित-विश्लेषित करनेवाली हिन्दी की ऐसी पहली पुस्तक, जिसे पढ़कर आप भी अपने जीवन को कृष्ण की तरह एक विजेता के रूप में ढाल सकते हैं।

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Binding

Paperback

ISBN

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Publishing Year

2016

Pulisher

Language

Hindi

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