Andhera

-15%

Andhera

Andhera

199.00 170.00

In stock

199.00 170.00

Author: Akhilesh Tatbhav

Availability: 10 in stock

Pages: 179

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9788126713592

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

अँधेरा

वजूद, यक्षगान, ग्रहण और अँधेरा महज चार लम्बी कहानियाँ नहीं हैं – ये हमारे कथा साहित्य की विरल उपलब्धियाँ हैं। इन्हीं चारों कहानियों से तैयार हुआ है अत्यंत महत्त्वपूर्ण और बहुचर्चित कथाकार अखिलेश का नया कहानी-संग्रह अँधेरा। अखिलेश हिन्दी की ऐसी विशिष्ट प्रतिभा हैं जिनके लेखन को लेकर साहित्य-जगत उत्सुक और प्रतीक्षारत रहता है। अखिलेश की रचनात्मकता के प्रति गहरे भरोसे का ही नतीजा है कि उनकी रचनाएँ साहित्य की दुनिया में ख़ास मुकाम हासिल करती हैं। निश्चय ही इस अनोखे विश्वास के निर्माण में अँधेरा की कहानियों की अहम भूमिका है।

अँधेरा में शामिल चारों कहानियाँ लगातार चर्चा के केन्द्र में रही हैं। इन्हें जो ध्यानाकर्षण – जो शोहरत मिली है, वह कम रचनाओं को नसीब होती है। इनके बारे में अनेक प्रकार की व्याख्याएँ, आलेख, टिप्पणियाँ और विवाद समय-समय पर प्रकट हुए हैं। पर इन सबसे ज़्यादा ज़रूरी बात यह है कि चारों कहानियों पर पाठकों ने भी मुहर लगाई है।

हमारे युग की मनुष्य-विरोधी शक्तियों से आख्यान की भिड़न्त, भाषा की शक्ति, शिल्प का वैविध्य तथा उत्कर्ष, प्रतिभा की विस्फोटक सामर्थ्य – ये सभी कुछ कोई एक जगह देखना चाहता है तो उसे अखिलेश का कहानी-संग्रह अँधेरा अवश्य पढ़ना चाहिए।

अँधेरा की कहानियों की ताक़त है कि वे अपने कई-कई पाठ के लिए बेचैन करती हैं। यही नहीं, वे प्रत्येक अगले पाठ में नई व्यंजना, नए अर्थ, नए सौन्दर्य से जगमगाने लगती हैं। इसी बिन्दु पर अँधेरा की कहानियाँ न केवल पढ़े जाने और एकाधिक बार पढ़े जाने की इच्छा जगाती हैं, बल्कि सहेजकर रखे जाने की ज़रूरत भी पैदा करती हैं।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Andhera”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!