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Author Biography
बाङ्ला के अमर कथाशिल्पी विभूतिभूषण वंद्योपाध्याय (1894-1950) का नाम भारतीय कथा-साहित्य में एक उज्ज्वल नक्षत्र की तरह है। उनका जन्म मुरारिपुर (बंगाल) में एक ग़रीब परिवार में हुआ था। उन्होंने आरंभिक पढ़ाई अपने गाँव और फिर वनग्राम नामक क़स्बे में पाई। इसके बाद की स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई कलकत्ता में पूरी की तथा बी.ए. उपाधि प्राप्त कर जंगीपाड़ा, हुगली में स्कूल शिक्षक बने। कुछेक वर्षों तक सरकारी महकमों में भी नौकरी की। वे फिर शिक्षा जगत में लौट आए और आजीवन लेखन-कार्य से जुड़े रहे। मानवीय मूल्य, शोषितों के प्रति सहानुभूति और सहज कथा-शैली के लिए विख्यात विभूति बाबू ने अपनी रचनाओं द्वारा बहुत बड़ा पाठक समाज तैयार किया। सभी आयु वर्गों और पीढ़ियों के लिए वे सर्वमान्य लेखक के रूप में समादृत हुए।
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