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Description
बाँदी
प्रस्तुत उपन्यास ह्रासशील सामंतवाद को उसके सम्पूर्ण घिनौने पहलुओं के साथ, बड़ी बारीकी से हमारे समक्ष पेश करता है। इस ह्रासशील सामंतवाद को उसकी सारी सड़ांध के साथ हम बड़े सरकार के चरित्र, उनके क्रियाकलापों, जो उनके अन्तःपुर से लेकर बाहर के परिवेश तक फैले हुए हैं, सामन्ती-साम्राजी सांठगांठ और उसके शिकार साधारण जनों की जिंदगी तथा नरक की इस जिंदगी से मुक्त होने की उनकी कोशिशों तथा मुक्त न हो पाने की स्थिति में उनकी छटपटाहट।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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