Bhartiya Vigyan Ki Kahani

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Bhartiya Vigyan Ki Kahani

Bhartiya Vigyan Ki Kahani

200.00 165.00

In stock

200.00 165.00

Author: Gunakar Muley

Availability: 5 in stock

Pages: 117

Year: 2003

Binding: Hardbound

ISBN: 9788189444068

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

भारतीय विज्ञान की कहानी

मध्ययुग तक भारतीय विज्ञान किसी भी अन्य देश के विज्ञान से पीछे नहीं था। हमारे देश में चरक, सुश्रुत, आर्यभट, वराहमिहिर, नागार्जुन तथा भास्कराचार्य (1150 ई.) जैसे महान वैज्ञानिक हुए। आरंभ में अरबों ने भारतीय विज्ञान से लाभ उठाया और फिर यूरोप में इसका प्रचार-प्रसार किया। आज सारे संसार में प्रयुक्त होने वाली शून्य पर आधारित स्थानमान अंक-पद्धति मूलतः भारत का आविष्कार है। विज्ञान के क्षेत्रा में भारत ने संसार को बहुत-कुछ दिया है, और अन्य देशों से बहुत-कुछ लिया भी है। भारतीय विज्ञान की कहानी ज्ञान-विज्ञान के इसी आदान-प्रदान की चर्चा से शुरू होती है। आगे पाषाण युग, ताम्रयुग की सिंधु सभ्यता तथा वैदिक काल की वैज्ञानिक उपलब्धियों की जानकारी दी गई है।

तदनंतर विषयानुसार भारतीय विज्ञान के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। लेखक स्वयं विज्ञान के अध्येता हैं, इसलिए भारतीय विज्ञान के इस विवेचन को उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही प्रस्तुत किया है। संसार के सभी विकसित देशों के स्कूल-कॉलेजों में विज्ञान का इतिहासपढ़ाया जाता है। हमारे देश के विज्ञान के विद्यार्थियों को भी प्राचीन भारत के विज्ञान की थोड़ी-बहुत जानकारी अवश्य होनी चाहिए। इतिहास के विद्यार्थियों को तो भारतीय विज्ञान की उपलब्धियों की जानकारी अवश्य ही होनी चाहिए।

इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर यह पुस्तक लिखी गई है और यह हिंदी में एक बड़े अभाव की पूर्ति करती है। अध्यापक तथा सामान्य पाठक भी इस पुस्तक को उपयोगी पाएँगे।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2003

Pulisher

Language

Hindi

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