Bhav Aur Bhavana

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Bhav Aur Bhavana

Bhav Aur Bhavana

75.00 70.00

In stock

75.00 70.00

Author: Gurudutt

Availability: 2 in stock

Pages: 126

Year: 2000

Binding: Hardbound

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Hindi Sahitya Sadan

Description

भाव और भावना

प्रकाशकीय

हिन्दी जगत् के सुप्रसिद्ध विचारक एवं लेखक श्री गुरुदत्त न केवल उपन्यासकार के रूप में लोकप्रिय हैं प्रत्युत राजनीति एवं भारतीय वाङ्मय के टीकाकार के रूप में भी उनकी पर्याप्त ख्याति है। इन विषयों पर उनके लिखे साहित्य का परिचय हमारे पाठकों को समय-समय पर मिलता रहा है।

राजनीति में उनके विचारों की परिपक्वता उनकी राजनीति संबंधी पुस्तकों तथा-धर्म तथा समाजवाद, भारत : गांधी नेहरू की छाया में और उनके विभिन्न राजनीतिक उपन्यासों में भली-भाँति परिलक्षित होती है।

परन्तु इन सबकी पृष्ठभूमि क्या है ?

संस्मरणात्मक शैली में लिखी प्रस्तुत पुस्तक भाव और भावना में श्री गुरुदत्त ने बाल्यकाल से आरम्भ कर अब हाल तक की मुख्य-मुख्य राजनीतिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए उनका अपने पर प्रभाव तथा प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन घटनाओं ने किस प्रकार उन्हें राजनीतिक शिक्षा दी है तथा किस प्रकार उनके जीवन को कर्मयोगी का जीवन बनाया है, इसका उल्लेख अत्यन्त रोचक शैली में इस पुस्तक में उनके संस्मरणों के रूप में हमें मिलता है।

पुस्तक उपन्यास से बढ़कर रोचक एवं शिक्षाप्रद है।

-अशोक कौशिक

सम्पादक

प्राक्कथन

वृद्धावस्था में यदि स्मृति ठीक कार्य करती रहे तो अपने जीवन-कार्य का अवलोकन लाभप्रद होता है। मेरा यह प्रयास भी उसी अवलोकन का एक अंग ही है।

इससे किसी दूसरे का कल्याण होगा अथवा नहीं, मैं नहीं कह सकता। परन्तु इन संस्मरणों के विषय सार्वजनिक होने से इन्हें लिखकर छपवा रहा हूँ, कदाचित् किसी को कोई विचारोत्पादक बात इनमें दिखाई दे जाए। इन संस्मरणों को मैंने यथासंभव राजनीति के क्षेत्र तक ही सीमित रखने का यत्न किया है।

तदपि यह पुस्तक राजनीति पर नहीं है। यह तो देश की बदलती परिस्थिति का मेरे विचारों पर पड़ने वाला प्रभाव है।

जब भी मित्रों को अपने अनुभव और उन अनुभवों पर अपने मन की प्रतिक्रिया बताता था तो वे इनको श्रृंखलाबद्ध लिख देने की सम्मति देते थे। इससे तथा अपने उपन्यासों के अनेक पाठकों की सम्मति से प्रेरित हो इस एक विषय पर अपने अनुभव और उन अनुभवों की प्रतिक्रिया लिख रहा हूँ।

अन्त में इतना अवश्य निवेदन कर देना चाहता हूँ कि किसी नेता के प्रति मेरे मन में दुर्भावना नहीं है। यहाँ केवल उनके सार्वजनिक कार्यों और विचारों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया लिखी है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2000

Pulisher

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