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Description
चलो खेलों की ओर
इस पुस्तक की खासियत है कि यह बहुत सहज तरीके से अपने पाठक को संदेश देती है कि किस तरह खेल-कूद अनुशासन सिखाता है और अनुशासन जीवन में आनंद लाता है। खेल खेलने से दिमाग की भी कसरत हो जाती है। खेल, जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है।
पुस्तक में साफ बताया गया है कि चाहे कोई भी खेल हो, उसमें जबरदस्त ऊर्जा, खेल भावना, एकाग्रता और कड़ी प्रतिबद्धता की जरूरत होती है। बुनियादी स्तर पर खेल संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध कराना, खेलों में लोगों द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जाना, खेल और शिक्षा का एकीकरण, प्रारंभिक स्तर पर प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारना, बेहतरीन खिलाड़ियों को देश और विदेश में उच्च स्तर का प्रशिक्षण देना, खिलाड़ियों को दुनियाभर में आयोजित स्पर्धाओं में सहभागिता के अवसर देना, खेलों के बारे में जानकारी और खिलाड़ी को उचित चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध कराना जैसी बातों पर यह पुस्तक बेहद सहज रूप से विमर्श करती है और समाज और सरकार दोनों को प्रेरित करती है कि कंप्यूटर, मोबाईल, टीवी की आभासी दुनिया से बाहर निकलकर कुछ-न-कुछ जरूर खेला जाए।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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