Chitthiyan Renu Ki Bhai Birjoo Ko
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Description
चिट्ठियाँ रेणु की भाई बिरजू को
‘चिट्ठियाँ रेणु की भाई बिरजू को’ एक महान कथाकार के अन्तर्जगत के ऐसे दृश्यों का एलबम है जो अब तक अज्ञात-अल्पज्ञात रहे हैं। ‘मैला आँचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे कालजयी उपन्यासों के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु और गांधीवादी-समाजवादी विचारधारा से गहरे जुड़े मिल-मालिक बृजमोहन बाँयवाला की पारस्परिक आत्मीयता का जो वृत्तान्त इस किताब में संकलित चिट्ठियों से उभरता है, वह दो व्यक्तियों की आपसी मित्रता तक सीमित नहीं है। उस वृत्तान्त से ऐसा एक दौर पाठक के सामने साकार हो उठता है जो भारत के समाजवादी आन्दोलन से लेकर नेपाली क्रान्ति तक की हलचलों से भरा था। इस किताब में रेणु के घर-परिवार का जिक्र तो है ही, डॉ. राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला, अज्ञेय, दिनकर, नागार्जुन, रघुवीर सहाय, ओमप्रकाश दीपक और जुगनू शारदेय के साथ-साथ बृजमोहन बाबू के परिवार और घर का जीवन्त उल्लेख है, जो भारत के समाजवादियों और नेपाल के क्रान्तिकारियों का विश्वस्त ठिकाना था। किताब में संकलित चिट्ठियों में रेणु विभिन्न रूपों में नजर आते हैं—कभी लेखक के रूप में तो कभी परिवार के जिम्मेदार अभिभावक के रूप में, कभी किसान के रूप में तो कभी समाजवादी कार्यकर्ता के बतौर। लेकिन हर बार सहज, संवेदनशील, मानवीय।
निश्चय ही यह किताब हिन्दी पत्र-साहित्य की एक उपलब्धि है। अत्यन्त पठनीय और संग्रहणीय।
Additional information
| Authors | |
|---|---|
| Binding | Hardbound |
| ISBN | |
| Language | Hindi |
| Publishing Year | 2022 |
| Pages | |
| Pulisher |











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