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Description
एकदा नैमिषारण्ये
यह साहित्य कथा उस भावनात्मक आन्दोलन से जुडी है जिसने पहली बार भारत की सभी जातियों के उत्तम विचार और संकर लेकर तथा ब्राहमण और श्रवण धर्म का उचित समन्वय करके समूचे भारत को एकता प्रदान की जिसके सही और गलत प्रभावों से यह देश आज तक बंधा हुआ है। पुरानी दुनिया में भारत के महत्त्वपूर्ण स्थान और विश्वव्यापी मानव संस्कृति की रसभीनी छटा लहराने वाला, भारतीय साहित्य में अपने रंग का अकेला यह उपन्यास आपके हाथों में है।
उपन्यास का पहला पृष्ठ पढना आरम्भ कीजिये और फिर अन्तिम पृष्ठ पूरा पढ़े बिना आप इसे छोड़ नहीं सकेंगे। कुपोशंनो और यूनानियों की दासता से ट्रस्ट और विखंडित भारत के पुनःसंगठित होकर एक सशक्त और समृद्ध देश बनने की यह प्रेरणादायक, रंगारंग भारतीय छवियों से भरपूर, यह रोचक राष्ट्रकथा पढ़कर आप को आज के भारत की समस्याओं पर गहराई से विचार करने की स्फूर्ति मिलेगी।
Additional information
Weight | 0.8 kg |
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Dimensions | 21 × 14 × 4 cm |
Authors | |
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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