Gandhi Ke Bahane

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Gandhi Ke Bahane

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275.00 205.00

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275.00 205.00

Author: Parag Mandle

Availability: 5 in stock

Pages: 186

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789362012661

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

गांधी के बहाने

दक्षिण अफ्रीका से गांधी भारत वापस आए तब से ही वे भारतीय राजनीति, समाज, दर्शन और जीवन-पद्धति की केन्द्रीय धुरियों में एक रहे। इन तमाम क्षेत्रों में उनका हस्तक्षेप युगान्तकारी रहा। करीब तीन दशकों तक आजादी की लड़ाई का केन्द्रीय नेतृत्व उनके ही हाथों में रहा। गांधी लगातार खुद को परिष्कृत करते रहे। बहुत कुछ किया; जब गलती हुई तो सीखा, सुधार किया और आगे बढ़े। उनके सिद्धान्त दीखने में बहुत सरल थे- मसलन सत्य, अहिंसा, निष्काम कर्म इत्यादि, मगर उनका पालन बहुतों के लिए मुश्किलों में डालने वाला भी रहा। सत्याग्रह और संघर्ष के ये औजार आजादी के बाद पायी गयी सत्ता के समीकरण में बाधक प्रतीत होने लगे।

‘गांधी के बहाने’ पुस्तक गांधीवादी सिद्धान्तों का पुनराविष्कार या पुनश्चर्या या पारायण नहीं है, वह उन सिद्धान्तों के मर्म की खोज करते हुए उन्हें आज के व्यावहारिक जीवन के आलोक में जाँचती है। पराग मांदले के इस गम्भीर प्रयास का पाठकों द्वारा स्वागत होगा, ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2024

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