Jhoola Nat

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Jhoola Nat

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295.00 225.00

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Author: Maitriye Pushpa

Availability: 10 in stock

Pages: 162

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126703845

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

झूला नट

गाँव की साधारण–सी औरत है शीलो-न बहुत सुंदर और न बहुत सुघड़…लगभग अनपढ़-न उसने मनोविज्ञान पढ़ा है, न समाजशास्त्र जानती है। राजनीति और स्त्री–विमर्श की भाषा का भी उसे पता नहीं है। पति उसकी छाया से भागता है। मगर तिरस्कार, अपमान और उपेक्षा की यह मार न शीलो को कुएँ बावड़ी की ओर धकेलती है, और न आग लगाकर छुटकारा पाने की ओर। वशीकरण के सारे तीर–तरकश टूट जाने के बाद उसके पास रह जाता है जीने का निःशब्द संकल्प और श्रम की ताकत एक अडिग धैर्य और स्त्री होने की जिजीविषा…उसे लगता है कि उसके हाथ की छठी अंगुली ही उसका भाग्य लिख रही है…और उसे ही बदलना होगा।

झूला नट की शीलो हिंदी उपन्यास के कुछ न भूले जा सकने वाले चरित्रों में एक है। बेहद आत्मीय, पारिवारिक सहजता के साथ मैत्रेयी ने इस जटिल कहानी की नायिका शीलो और उसकी ‘स्त्री–शक्ति’ को फोकस किया है….

पता नहीं झूला नट शीलो की कहानी है या बालकिशन की ! हाँ, अंत तक, प्रकृति और पुरुष की यह ‘लीला’ एक अप्रत्याशित उदात्त अर्थ में जरूर उद्भासित होने लगती है। निश्चय ही झूला नट हिंदी का एक विशिष्ट लघु–उपन्यास है…

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Binding

Hardbound

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Publishing Year

2018

Pulisher

Language

Hindi

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