- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
कहानी नयी कहानी
प्रस्तुत पुस्तक लगभग एक दशक की चिंतन-यात्रा की पगडण्डी है जिसमें कथा-समीक्षा की एक पद्धति निकालने की कोशिश की गयी है। इस कहानी में आलोचना की वही विश्लेषणात्मक पद्धति अपनाई गई है जो पिछले कुछ दशकों से छोटी कविताओं के विश्लेषण में सफल पाई गई थी।
इस निबंध से, मेरे निकट, उन लोगों के लिए भी उत्तर प्रस्तुत था जिनका यह आरोप था कि मैं कहानी-समीक्षा में काव्य-समीक्षा की पद्धति का बलात उपयोग करके भूल कर रहा हूँ। हिंदी आलोचना जो अभी तक मुख्यतः काव्य-समीक्षा रही है, कविता से कथा-नाटक आदि साहित्य-रूपों का विधिवत विश्लेषण करके ही अपने को सुसंगत एवं समृद्धबना सकती है। कहानी-समीक्षा सम्बन्धी ये निबंध इसी दिशा में विनम्र प्रयास हैं। इसीलिए इनका महत्त केवल कहानियों की समीक्षा तक सीमित न होकर एक व्यापक समीक्षा-पद्धति के निर्माण की दिशा में है।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
Reviews
There are no reviews yet.