Kissa Jaam Ka

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Author: Nasira Sharma

Availability: Out of stock

Pages: 144

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9788180316128

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

ईरान और भारत की सांस्कृतिक घनिष्ठता और साहित्यिक आदान-प्रदान का क्रम अब भी जीवित है और उसका एक नमूना ये खुरासान की लोककथाएँ हैं जिनका फारसी से हिन्दी में अनुवाद पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। यह केवल अनुवाद मात्र ही नहीं है, मौलिक रचनाएँ ही हैं, क्योंकि ये लोककथाएँ खुरासान की बोली में हैं। अनगिनत पीढ़ियों से बहती हुई सरिता की तरह, लोक कथाएँ, उस जन समाज की, जो कि एक क्षेत्र विशेष में फला और फूला है, आधारभूत विचार धाराओं, सभ्यता तथा संस्कृति की प्रतीक हैं। खुरासान की प्रस्तुत लोक कथाएँ उस क्षेत्र का, जो ईरान की सभ्यता और संस्कृति में बेजोड़ रहा है, एक दर्पण है। इसमें पाठक उस प्राचीन भव्य जन समाज की एक झलक देख सकते हैं। खुरासान एक चौराहे की तरह है जहाँ ईरान की सभ्यता तथा संस्कृति संगठित हुई और जहाँ से अन्य क्षेत्रों में फैली। ‘क्य’, ‘निशापुर’ और ‘मशहद’ के केन्द्र सांस्कृतिक वैभव के प्रतीक रहे और जहाँ पर ‘उमर खैयाम’ और ‘फिरदौसी’ जैसे चिराग अब भी जीवित हैं। खुरासान की ये लोककथाएँ, ‘निशापुर’ और ‘दमगान’ से निकले हुए फीरोजों की तरह, भव्य तथा सारगर्भित हैं।

आशा है कि पाठक इन कथाओं को पढ़कर खुरासान के बारे में जो कि ईरान की सभ्यता का स्तम्भ रहा है, जानकर ईरान तथा भारत की मैत्री तथा पारस्परिक सांस्कृतिक आधारों का अनुमान कर पाएंगे।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

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