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Description
क्रांति कल्याण
क्रांति कल्याण प्रसिद्ध कन्नड उपन्यासकार बी. पुट्टस्वामय्या द्वारा रचित छह ऐतिहासिक उपन्यासों की श्रृंखला का अंतिम उपन्यास है। इन सभी उपन्यासों में कर्नाटक के कलचुरी वंश के राजा बिज्जला के शासनकाल के दौरान कल्याण में हुए महान क्रांतिकारी आंदोलन के उदय का चित्रण है। पुट्टस्वामय्या ने 12वीं सदी के दौरान, जब बसवेश्वरा (बसवण्णा) ने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, उस समय के राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों का भव्य चित्रण किया है। बसवण्णा शैव भक्ति परंपरा के धार्मिक नेता और एक महान समाज सुधारक थे। जाति और वर्ग की सीमाओं को तोड़ने के लिए उनके प्रयास युगपरिवर्तक साबित हुए। क्रांति कल्याण में बी. पुट्टस्वामय्या ने विभिन्न स्रोतों से बसवण्णा के जीवन-संदर्भों को लिया है और एक सुसंगत कथा की सृष्टि की है। इस रचना में एक चित्ताकर्षक कहानी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की कलाओं और घटनाओं के प्रामाणिक विवरण मिलते हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher |
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