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Description
मिशन होलोकॉस्ट : एक खोए देश की दास्तान
राकेश कुमार सिंह का यह ताजा उपन्यास ‘मिशन होलोकॉस्ट’ एक पृथक भावभूमि की रचना है जो हिन्दी कथा–साहित्य की लगभग अछूती जमीन पर बैठकर लिखी गई है।
हिन्दी साहित्य में विज्ञान कथाएं विरल हैं, विशेषकर अंतरिक्ष अभियान कथाएं तो नगण्य हैं। यह उपन्यास ‘मिशन होलोकॉस्ट’ अंतरिक्ष और पृथ्वी के रिश्ते तथा वर्तमान की सबसे अनिवार्य आवश्यकता, ऊर्जा के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जे हेतु उस घायल सभ्यता की खोज की कथा है जो अपने समाज और संस्कृति समेत, सदियों से नियत अपने भूगोल के बीच से गायब ही हो चुका है।
सुकरात ने कहा था, किसी देश को नष्ट–भ्रष्ट करना हो तो सर्वप्रथम उसकी भाषा को भ्रष्ट कर दो। उपनिवेशवाद के नीति–निर्धारकों की भी यही रणनीति है। नाओ वी डोंट एंटर ए कंट्री विद गनबोट्स, रादर विद लैंग्वेज एंड कल्चर।
हिन्दी में लीक से हटकर रचित यह उपन्यास ‘मिशन होलोकॉस्ट’ पाठकों को तथ्यों, आंकड़ों, मिथकों, वैज्ञानिक प्रयोगों आदि की जटिलताओं में नहीं उलझाता, वरन् अंतरग्रहीय खोज यात्रा के बहाने बेहद रोचक एवं सरस भाषा में वर्तमान देश–काल को देखने–समझने का एक सफल औपन्यासिक प्रयास है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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