Muktibodh : Ek Vyaktitwa Sahi Ki Talash Main
₹495.00 ₹375.00
Deprecated: implode(): Passing glue string after array is deprecated. Swap the parameters in /home1/bhartiya/public_html/wp-content/themes/porto/functions.php on line 987
- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
मुक्तिबोध : एक व्यक्तित्व सही की तलाश में
हिंदी कविता की शीर्षक लेखनी-मुक्तिबोध। आत्मसमीक्षा और जगत-विवेचन के निष्ठुर प्रस्तावक। उन्होंने एक दुर्गम पथ की ओर संकेत किया, जिससे होकर हमें अनुभव और अभिव्यक्ति की सम्पूर्णता तक जाना था; क्या हम जा सके ? हिंदी कि वरिष्ठतम उपस्थिति कृष्णा सोबती, जिनकी आँखों ने लगभग एक सदी का इतिहास साक्षात देखा; और जो आज इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक में आसपास फैले समय से उतनी ही व्यथित हैं, जितनी अपने समय और समाज में निपट अकेली, मुक्तिबोध की रूह रही होगी – मानवता के विराट और सर्वसमावेशी उज्जवल स्वप्न के लगातार दूर होते जाने से कातर और क्रुद्ध। यह मुक्तिबोध का एक अनौपचारिक पाठ है जिसे कृष्णा जी ने अपने गहरे संवेदित मन से किया है। भारतीय इतिहास के दो समय यहाँ रूबरू हैं।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2017 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.