Naye Shekhar Ki Jeevani

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Naye Shekhar Ki Jeevani

Naye Shekhar Ki Jeevani

199.00 159.00

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199.00 159.00

Author: Avinash Mishra

Availability: Out of stock

Pages: 160

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789387889279

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

नये शेखर की जीवनी

‘नये शेखर की जीवनी’ शेखर मूलतः कवि है और कभी-कभी उसे लगता है कि वह इस पृथ्वी पर आख़िरी कवि है। यह स्थिति उसे एक व्यापक अर्थ में उस समूह का एक अंश बनाती है, जहाँ सब कुछ एक लगातार में ‘अन्तिम’ हो रहा है। वह इस यथार्थ में बहुत कुछ बार-बार नहीं, अन्तिम बार कह देना चाहता है। वह अन्तिम रूप से चाहता है कि सब अन्त एक सम्भावना में बदल जाएँ और सब अन्तिम कवि पूर्ववर्तियों में। वह एक कवि के रूप में अकेला रह गया है, ग़लत नहीं है तो एक मनुष्य के रूप में अकेला रह गया है एक साथ नया और प्राचीन। वह जानता है कि वह जो कहना चाहता है, वह कह नहीं पा रहा है और वह यह भी जानता है कि वह जो कहना चाहता है उसे दूसरे कह नहीं पाएँगे।

शेखर जब भी एक उल्लेखनीय शास्त्रीयता अर्जित कर सम्प्रेषण की संरचना में लौटा है, उसने अनुभव किया है कि सामान्यताएँ जो कर नहीं पातीं उसे अपवाद मान लेती हैं और जो उनके वश में होता है उसे नियम…। वह मानता है कि प्रयोग अगर स्वीकृति पा लेते हैं, तब बहुत जल्द रूढ़ हो जाते हैं। इससे जीवन-संगीत अपने सतही सुर पर लौट आता है। इसलिए वह ऐसे प्रयोगों से बचता है जो समझ में आ जाएँ। शेखर बहुत-सी भाषाएँ केवल समझता है, बोल नहीं पाता। शेखर पागल थोड़ा नहीं है, अर्थात् बहुत है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2018

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