Pratinidhi Kahaniyan : Chitra Mudgal

-20%

Pratinidhi Kahaniyan : Chitra Mudgal

Pratinidhi Kahaniyan : Chitra Mudgal

75.00 60.00

In stock

75.00 60.00

Author: Chitra Mudgal

Availability: 5 in stock

Pages: 156

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9788126726455

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

प्रतिनिधि कहानियाँ : चित्रा मुद्गल

कुछ लेखक रचना के लिए सामग्री जुटाने में ही अपनी अधिकांश शक्ति व्यय कर देते हैं। उन्हें लगता होगा कि किसी परिघटना से ही महत्त्वपूर्ण या बड़ा जीवन- सत्य व्यक्त किया जा सकता है। चित्रा मुद्गल जीवन के छोटे-छोटे प्रसंगों को चुनती हैं, उनमें व्याप्त तनाव को परखती हैं, उन्हें सामाजिकता के व्यापक धरातल पर ला खड़ा करती हैं। यह एक तरह से अकथनीय को जाहिर करने का हुनर है। उनके लिए परिवार सबसे बड़ा सच है। उनकी अधिकांश कहानियाँ विषम स्थितियों में भी रिश्तों को बचाए रखना चाहती हैं। चित्रा मुद्गल की सबसे बड़ी शक्ति है उनकी अनोखी किस्सागोई। जैसे कोई धीमी आँच वाले अलाव के पास बैठे श्रोताओं के भीतर कहानी की लौ तेज कर रहा हो।

अमृतलाल नागर, भगवतीचरण वर्मा, कामतानाथ, विजयदान देथा की भाँति चित्राजी ने किस्सागोई या कथन-रस को नया अर्थ दिया है। उनकी कहानियाँ किसी चौंकाने वाली युक्ति या प्रयोग-विह्वल प्रयत्न से प्रारम्भ नहीं होतीं। जीवन का एक क्षण पकड़कर ये कहानियाँ आगे चल पड़ती हैं। भाषा की तमाम भंगिमाओं, कहावतों, मुहावरों, क्षेत्रीय शब्दों और उच्चारण पद्धति का साथ पाकर इन कहानियों की आन्तरिकता विकसित होती है। चित्रा मुद्गल की कहानियाँ प्रतिवाद के शिल्प में लिखी गई हैं। उनमें बदलते समय-समाज की आहटें हैं। जो कहानियाँ यथार्थ के किसी खुरदुरे हिस्से पर खत्म होती हैं, वे भी स्थितियों के प्रति आक्रोश जगाती हैं।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Pratinidhi Kahaniyan : Chitra Mudgal”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!