Rajbhasha Ke Roop Mein Hindi

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Rajbhasha Ke Roop Mein Hindi

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130.00 115.00

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130.00 115.00

Author: Nishant Jain

Availability: 4 in stock

Pages: 88

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9788123781471

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

राजभाषा के रूप में हिंदी

भारत ने स्वाधीनता के बाद 1949 में हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। स्वाधीनता के उपरांत विगत 70 वर्षों में हिंदी की “राजभाषा यात्रा” कैसी रही, किन-किन पड़ावों से गुजरती और उसे कितने संघर्षों का सामना करना पड़ा या अब भी कर रही है, इन सभी आयामों पर प्रस्तुत पुस्तक में विचार किया गया है। इस पुस्तक में राजभाषा का अर्थ, उसकी अवधारणा और स्वरूप को स्पष्ट करते हुए इसके विकास, क्षेत्र एवं आयामों की भी चर्चा की गई है। यह पुस्तक राजभाषा की प्रयुक्तियों और स्थिति पर भी विचार करती है। पुस्तक में हिंदी की सांविधानिक और वैधानिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला गया है। यह पुस्तक अनुवादकों, राजभाषा अधिकारियों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के साथ आम जन के लिए भी समान रूप से उपयोगी है।

अनुक्रम

★       राजभाषा के रूप में हिंदी : अर्थ, अवधारणा और स्वरूप

★       राजभाषा के रूप में हिंदी : विकास, क्षेत्र और आयाम

★       राजभाषा के रूप में हिंदी की संवैधानिक और वैधानिक स्थिति

★       संदर्भ ग्रंथ-सूची

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Pages

Language

Hindi

Publishing Year

2020

Pulisher

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