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रेती के फूल
‘रेती के फूल’ युवा पीढ़ी के लिए एक युगदृष्टा साहित्यकार का उद्बोधन है। इसमें शामिल प्रत्येक निबन्ध ओजस्वी और प्रेरणा का पुंज है। ‘हिम्मत और जिंदगी’, ‘ईर्ष्या, तू न गई मन से’, ‘कर्म और वाणी’, ‘खडग और वीणा’, ‘कला, धर्म और विज्ञान’ और ‘संस्कृति है क्या ?’ जैसे शाश्वत विषयों के अतिरिक्त ‘भविष्य के लिए लिखने की बात’, ‘राष्ट्रीयता और अंतर्राष्ट्रीयता’, ‘हिंदी कविता में एकता का प्रवाह’, ‘नेता नहीं, नागरिक चाहिए’ जैसे ज्वलन्त मुद्दों पर समर्थ कवि का मौलिक चिंतन है जो आज भी उतना ही सार्थक है, जितना साठ वर्षों पूर्व था।
वस्तुतः ‘रेती के फूल’ ऐसे निबंधों का संग्रह है जिसमें कलाकारिता तो है ही, जो विचारोत्तेजक भी हैं ।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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