Shabdon Ka Safar : Vol. 3

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Shabdon Ka Safar : Vol. 3

Shabdon Ka Safar : Vol. 3

450.00 340.00

In stock

450.00 340.00

Author: Ajit Wadnerkar

Availability: 3 in stock

Pages: 384

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789394902657

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

शब्दों का सफर : भाग-3

शब्दों में ज्योति है… इंसान के पास शब्द ना होते तो इंसान का रिश्ता भी संसार के साथ वैसा ही होता जैसाकि जानवर का होता है। आचार्य दंडी को याद करें, ‘शब्दों की ज्योति ना होती तो तीनों लोक अँधियारे होते’। शब्दों में ज्योति है क्योंकि उनका अपना एक जीवन है। कहाँ से शुरू होकर कहाँ तक जाता है, एक-एक शब्द का सफ़र। कैसे-कैसे अर्थ भरते जाते हैं शब्द में। हिंदी की जीवंतता का सबसे बड़ा कारण यह है कि इस भाषा ने संकीर्ण शुद्धतावाद को संस्कार कभी नहीं बनने दिया। न जाने कहाँ-कहाँ से आए शब्दों को हिंदी ने अपनाया है। हिंदी शब्दों के सफर को जानना हिंदी भाषा के विकास के साथ-साथ हिंदी समाज के मिजाज को भी जानना है।

अजित वडनेरकर कई वर्षों से शब्दों के इस रोमांचक सफ़र में हम सबको शामिल करते रहे हैं। कमाल की सूझ-बूझ है उनकी और कमाल की मेहनत। कहने का अंदाज़ निराला। ‘शब्दों का सफ़र’ कितने रोचक, प्रामाणिक और विश्वसनीय ढंग से एक-एक शब्द के विकास-क्रम और अन्य शब्दों के साथ उसके संबंध को पाठक के सामने रखता है, यह पढ़कर ही जाना जा सकता है। सफ़र के इस तीसरे पड़ाव पर उन्हें बधाई और साथ ही शुक्रिया भी।

– डॉ. पुरुषोत्तम अग्रवाल

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2018

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