Shree Shankar Digvijay

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Shree Shankar Digvijay

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250.00 249.00

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Author: Nandlal Dashora

Availability: 5 in stock

Pages: 236

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

श्री शंकर दिग्विजय

आचार्य शंकर का दिग्विजय अभियान सर्वथा अहिंसात्मक अभियान था। इन्होंने अपने ज्ञान, प्रतिभा, तर्कशक्ति, शास्त्रप्रमाण, उदाहरण आदि से सभी पाखण्डियों के मतों का खण्डन कर भारत में धार्मिक एकता की स्थापना की। सम्पूर्ण भारत में चार बार पैदल यात्राओं में घूम-घूमकर विरोधी मतों को निर्मूल कर दिया, यही उनका दिग्विजय अभियान था जिसमें वह सफल हुए। भारत आज आध्यात्मिक दृष्टि से शंकराचार्य का ऋणी है जिन्होंने वैदिक धर्म के अद्धैतमत को पुनर्जीवित किया जो उपनिषदों का सार है।

आप इस ग्रन्थ में वर्णित शंकराचार्य के जीवनवृत्त में उनके बाल्यकाल, संन्यासग्रहण, व्यास दर्शन, कुमारिल, मण्डन मिश्र व उभयभारती से शास्त्रार्थ; शंकराचार्य का कामकला शिक्षा हेतु परकाया प्रवेश, उग्रभैरव पराजय, हस्तामलक से सम्पर्क, तोटकाचार्य वृतान्त भट्ट भास्कर शास्त्रार्थ, जैन व बौद्धमत का खण्डन, उनकी बदरी-केदार यात्रा इत्यादि सभी घटनाओं से शंकर दिग्विजय द्वारा वेदान्त के अद्वैतमत में दिये गये अद्वितीय योगदान से अवगत होंगे। श्री नन्दलाल दशोरा ने इस ग्रन्थ को पुनः सुबोध व सरल रूप में प्रस्तुत करके अध्यात्म जगत्‌ का उपकार किया है।

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Paperback

Language

Hindi

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Publishing Year

2015

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