Teen Moti Auraten

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Teen Moti Auraten

Teen Moti Auraten

125.00 110.00

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Author: Saadat Hasan Manto

Availability: 5 in stock

Pages: 72

Year: 2012

Binding: Paperback

ISBN: 9789350723456

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

तीन मोटी औरतें

मण्टो की कहानी में अनुभव की सच्चाई भी है और जुल्म के एहसास की प्रेरणा भी। इसीलिए हतक की वेश्याओं की जिश्न्दगी पर किसी भारतीय कथाकार द्वारा लिखी गयी कहानियों में पहली पंक्ति में है । हतक में मण्टो के दृष्टिकोण की लगभग सभी विशेषताएँ है – आक्रोश, दर्द और अपार मानवीयता। वेश्यावृत्ति की जश्लालत का ऐसा अपूर्व चित्र मण्टो ने इसमें खींचा है कि सेठ द्वारा सुगन्धी को नापसन्द कर दिये जाने वाले प्रसंग के बाद पाठक अनायास सुगन्धी के दिल की कुढ़न और उसके फूट पड़ते आक्रोश के सहभागी बन जाते है।

मण्टो ने कहानी में स्पष्ट रूप से दो वर्गों का चित्रण किया है- पहला वह जो शोषण करता है, जो ख़रीदार है और जो चूँकि पैसे देता है, इसलिए वह अपनी पसन्दगी या नापसन्दगी ज़ाहिर कर सकता है। दूसरा वर्ग सुगन्धी का है, जो जश्लालत-भरी जिश्न्दगी जीते हुए भी, मानवीयता से रहित नहीं है, लेकिन जो इस शोषण का शिकार बनने-बिकने के लिए मजबूर है। सुगन्धी इस दूसरे वर्ग में है और चूँकि वह सेठ से अपने अपमान का बदला नहीं ले पाती, इसीलिए उसका सारा गुस्सा माधो पर उतरता है जो सुगन्धी का सिर्फ आर्थिक शोषण ही नहीं करता, वरन उसकी सहज अच्छाई का भी फायदा उठाता है। माधो के प्रति सुगन्धी के मन में जो गुस्सा है और वह जो दरअसल मण्टो के अन्तर का आक्रोश है – जिसे वह उस सारी व्यवस्था के मुँह पर जैसे एक जश्न्नाटे के थप्पड़ की तरह जड़ देता है।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Publishing Year

2012

Pages

Pulisher

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