Bhishm Sahni

Bhishm Sahni

भीष्म साहनी

जन्म : 8 अगस्त 1915।

स्थान : रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) में।

शिक्षा : हिन्दी-संस्कृत की प्रारम्भिक शिक्षा घर में। स्कूल में उर्दू और अंग्रेजी। गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर, से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए., फिर पंजाब विश्वविद्यालय से पी-एच.डी.।

बँटवारे से पूर्व थोड़ा सा व्यापार, साथ ही साथ मानद (ऑनरेरी) अध्यापन। बँटवारे के बाद पत्रकारिता, इप्टा नाटक मंडली में काम, मुम्बई में बेकारी। फिर अम्बाला में एक कॉलेज में तथा खालसा कॉलेज, अमृतसर, में अध्यापन। तत्पश्चात् स्थायी रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज में साहित्य का प्राध्यापन। इस बीच लगभग सात वर्ष ‘विदेशी भाषा प्रकाशन गृह’, मॉस्को, में अनुवाद के रूप में कार्य। अपने इस प्रवासकाल में उन्होंने रूसी भाषा का यथ्ष्ट अध्ययन और लगभग दो दर्जन रूसी पुस्तकों का अनुवाद किया। करीब ढाई साल ‘नई कहानियाँ’ का सौजन्य-सम्पादन। प्रगतिशील लेखक संघ तथा अफ्रो-एशियाई लेखक संघ से सम्बद्ध।

सम्मान : तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली, का शलाका सम्मान।

कृतियाँ :

उपन्यास : झरोखे, कड़ियाँ, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफ़र।

कहानी-संग्रह : भाग्य रेखा :- (जोत अशांत रूहें, शिष्टाचार, अनोखी हड्डी, तमग़े, क्रिकेट मैच, मुर्गी की कीमत, नीली आँखें, ऊब, गंगो का जाया, भाग्य-रेखा, घर-बेघर, खून के छींटे, घर की इज्जत।), पहला पाठ :- (चीफ़ की दावत, रानी मेहतो, भाई-बन्द, पहला पाठ, प्रणय-लीला, पहिचान, समाधि भाई रामसिंह, बाप-बेटा, काँटे की चुभन, एषः धर्मः सनातनः, पाप-पुण्य ललिता, अकाल मृत्यु, छिपे चित्र, फूलाँ।), भटकती राख :- (भटकती राख, माता-विमाता, यादें, बीवर, खून का रिश्ता, बात की बात, लेनिन का साथी, सिफारिशी चिट्ठी, एक रोमांटिक कहानी, नयी हवेली, सिर का सदका, कुछ और साल, इमला, पास-फेल, प्रोफेसर, कटघरे, अपने-अपने बच्चे, गीता सहस्सर नाम, सुनहरी किरण, साये।), पटरियाँ : (पटरियाँ, अमृतसर आ गया है…, ललक, नया मकान, तस्वीर, मौकापरस्त, जख़्म, पैरों का निशान, अभी तो मैं जवान हूँ, रास्ता, इन्द्रजाल, डोरे, ढोलक भगोड़ा।), वाङ्चू, शोभायात्रा : (निमित्त, खिलौने, मेड इन इटली, भटकाव, फैसला, रामचन्दानी, शोभायात्रा, धरोहर, लीला नन्दलाल की, अनूठे साक्षात्।), निशाचर, पाली, डायन, मेरी प्रिय कहानियाँ :- (चीफ़ की दावत, समाधि भाई रामसिंह, माता-विमाता, गंगो का जाया, सिफारिशी चिट्ठी, अमृतसर आ गया है…, साग-मीट, लीला नन्दलाल की, वाङ्चू, खिलौने।), दस प्रतिनिधि कहानियाँ।

आत्मकथा : आज के अतीत।

नाटक/एकांकी : माधवी, हानूश, कबिरा खड़ा बज़ार में, मुआवजे।

बालोपयोगी कहानियाँ : गुलेल का खेल।

संपादन : हिन्दी कहानी संग्रह।

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