पहली कहानी 1941 में मासिक पत्रिका ‘वाङमय शोभा’ में प्रकाशित। तब से निरन्तर लेखन-कार्य में प्रवृत्त। अब तक 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। प्रमुखतः कहानी, उपन्यास, नाटक और व्यंग्य-लेख। अंग्रेजी में समान रूप से लेखन।
रचनाएँ : अनेक देशी-विदेशी भाषाओं में अनूदित। कथा-शिल्प और शैली की दृष्टि से मराठी की नयी कहानी के प्रवर्तक। प्रतिष्ठित उपन्यास ‘दुर्दम्य’ का हिन्दी अनुवाद भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित।
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