कमलकुमार मजूमदार (जन्म : 1915, निधन : 1979) प्रयोगशील रचनाकार के ख्प में विख्यात रहे हैं। अंतर्जली यात्रा के अलावा सुहासिनीर पॉमेटॉम, पिंजरे बसिया शुक, श्याम नौका खेलार प्रतिभा, कैदखाना और रुक्मिणीकुमार उनके छह उपन्यास प्रकाशित हैं। अन्य प्रकाशित कृतियों में गल्प संग्रह (कहानी-संग्रह), शनै: (कविता-संग्रह) और श्रीरामकृष्ण पर आधारित ईश्वर कोटिर रंग-कौतुक शामिल हैं। बिम्ब और प्रतीकों से भरी संश्लिष्ट भाषा में तत्सम से लेकर देशज शब्दों का भरपूर इस्तेमाल उनकी रचनाओं में मिलता है। उनके गद्य की भाषा-शैली विशिष्ट है और आधुनिक बाङ्ला से काफ़ी अलग है।
अमर गोस्वामी (जन्म : 28 नवंबर, 1945) हिन्दी के प्रतिष्ठित कथाकार और अनुवादक हैं। आपकी बीस मौलिक कृतियों के अलावा बाङ्ला से हिन्दी में अनूदित पचास से भी अधिक कृतियाँ प्रकाशित हैं। आप केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय सहित अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत-सम्मानित हैं।
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