डॉ. कपिला वात्स्यायन भारतीय शास्त्र और प्रयोग, दोनों की, समान रूप से अधिकारी हैं। उन्होंने भारतीय नृत्य की अनेक शैलियों की शिक्षा प्रमुख गुरुओं से प्राप्त की है। पिछले चार दशकों में उनके शोध और लेखनी के फलस्वरूप भारतीय कलाओं के अध्ययन को एक नयी दृष्टि और दिशा मिली है। उनके बहुचर्चित प्रकाशन हैं…. इंडियन क्लासिकल डांस, क्लासिकल इंडियन डांस इन लिटरेचर एंड दः आद्स, ट्रेडिशंक ऑफ इंडियन फोक डांस, डांस इन इंडियन पेंटिंग्स, द स्कवायर एंड सकल ऑफ द इंडियन आर्ट्स। लेखिका पद्मश्री और शंकरदेव पुरस्कार से सम्मानित हैं तथा संगीत नाटक अकादमी व ललित कला अकादमी की फेलो हैं।
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