लेखक का भूवैज्ञानिक के रूप में कार्यकाल अर्ध-शताब्दी के लगभग विस्तृत है। उनके अध्ययन के विशेष क्षेत्र स्तरिकी अवसाद विज्ञान तथा आर्थिक भूविज्ञान रहे हैं। आपके 100 से अधिक शोध पत्र भारतीय एवं विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं तथा अनेक पुस्तकों में संदर्भ रूप में उद्धत किए जाते हैं। 1977 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग से सेवानिवृत्त होने के पश्चात आप विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शोध परिषद के मानद वैज्ञानिक के रूप में वर्ष 1978-84 तक सागर विश्वविद्यालय में कार्यरत रहे हैं। आप राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस के भूविज्ञान व भूगोल खंड के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं।
View cart “Bharat Ka Prakratik Bhovigyan” has been added to your cart.