1232km : Corona Kaal Mein Ek Asambhav Safar

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1232km : Corona Kaal Mein Ek Asambhav Safar

1232km : Corona Kaal Mein Ek Asambhav Safar

199.00 165.00

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Author: Vinod Kapri

Availability: 4 in stock

Pages: 205

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9789390971275

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

1232 किलोमीटर : कोरोना काल में एक असम्भव सफर

कोरोना के कारण 2020 में घोषित लॉकडाउन ने करोड़ों भारतीयों को अकल्पनीय त्रासदी का सामना करने के लिए विवश कर दिया। नगरों-महानगरों में कल-कारखानों पर ताले लटक गए; काम-धन्धे रुक गए और दर-दुकानें बन्द हो गईं। इससे मजदूर एक झटके में बेरोजगार, बेसहारा हो गए। मजबूरन उन्हें अपने गाँवों का रुख करना पड़ा। उनका यह पलायन भारतीय जनजीवन का ऐसा भीषण दृश्य था, जैसा देश-विभाजन के समय भी शायद नहीं देखा गया था। लॉकडाउन के कारण आवागमन के रेल और बस जैसे साधन बन्द थे, इसलिए अधिकतर मजदूरों को अपने गाँव जाने के लिए डेढ़-दो हजार किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ी। कुछेक ही ऐसे थे जो इस सफर के लिए साइकिल जुटा पाए थे।

‘1232km : कोरोना काल में एक असम्भव सफ़र’ ऐसे ही सात प्रवासी मजदूरों की गाँव वापसी का आँखों देखा वृत्तान्त है। उन्होंने दिल्ली से सटे गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) से अपना सफ़र शुरू किया, जहाँ से सहरसा (बिहार) स्थित उनका गाँव 1232 किलोमीटर दूर था। उनके पास साइकिलें थीं लेकिन उनका सफ़र कतई आसान नहीं था। पुलिस की पिटाई और अपमान ही नहीं, भय, थकान और भूख ने भी उनका कदम-कदम पर इम्तिहान लिया। फिर भी वे अपने मकसद में कामयाब रहे।

यह किताब सात साधारण लोगों के असाधारण जज़्बे की कहानी है, जो हमें उन कठिनाइयों, उपेक्षाओं और लाचारी से भी रू-ब-रू करती है, जिनका सामना भारत के करोड़ों-करोड़ लोगों को रोज करना पड़ता है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2021

Pulisher

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