Aatmagyan Ke Vidhiyaan

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Aatmagyan Ke Vidhiyaan

Aatmagyan Ke Vidhiyaan

150.00 149.00

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150.00 149.00

Author: Nandlal Dashora

Availability: 5 in stock

Pages: 159

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

आत्मज्ञान की विधियाँ

योग और तन्त्र से ज्ञान प्राप्ति

  • पुस्तकों में क्‍यों माथा फोड़ते हो ? पुस्तकों में ईश्वर कहाँ है। देखो, यह चिड़िया इधर से उड़कर उधर बैठी है, उसमें जो उड़ने की शक्ति है, वही ईश्वर है। पुस्तकों में ज्ञान नहीं, जिसे हमें ज्ञात करना है, वह भीतर है।
  • साधना से चिन्तन व मनन से ज्ञान होता है; प्राप्ति नहीं होती। साधना से पात्रता विकसित होती है। ईश्वर कृपा से साध्य की प्राप्ति होने पर साधना भी व्यर्थ हो जाती है।
  • ज्ञान के बिना क्रिया नहीं होती किन्तु क्रिया में ज्ञान रहता ही है अतः ज्ञान ही जानने योग्य है। मोक्ष ज्ञान से होता है, कर्म से नहीं। जब मन की हलचल बन्द हो जाती है तो अपने आप ज्ञान हो जाता है।
  • भोग तो सभी योनियों में मिल जाते हैं। किन्तु योग व ज्ञान केवल मनुष्य योनि में ही सम्भव है। यदि जानना चाहो तो जान लो।

-इसी पुस्तक से

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

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