Aatma Darshan Kyo kyon Aur Kaise

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Aatma Darshan Kyo kyon Aur Kaise

Aatma Darshan Kyo kyon Aur Kaise

150.00 149.00

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150.00 149.00

Author: Nandlal Dashora

Availability: 5 in stock

Pages: 157

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

आत्म दर्शन क्‍या, क्यों और कैसे ?

आत्म दर्शन –

यह क्या है इसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता। यह अनिर्वचनीय है। फिर भी इसे जानने की जिज्ञासा कई व्यक्ति करते हैं किन्तु कोई भाग्यशाली ही इसे जान सकता है। मानते तो सभी हैं किन्तु जानने की जिज्ञासा कुछ ही व्यक्तियों में पैदा होती है फिर भी कई उसे जानने से वंचित ही रहते हैं। इसे जानने के लिए न लम्बे उपवास करने पड़ते हैं, न हठयोग की क्रियाएँ ही आवश्यक हैं, न पंचाग्नि तप करना पड़ता है, न आसन व मुद्राएँ आवश्यक हैं। सिर्फ जागना मात्र है। यह एक अनुभूति है जो पात्रता होने पर एक क्षण में हो जाती है, कोई विलम्ब नहीं होता जैसा राजा जनक को हुआ। कईयों को शास्त्र-श्रवण मात्र से ही हो जाती है। आत्म-ज्ञान के लिए कोई साधना नहीं करनी पड़ती। सभी साधनाएँ पात्रता प्राप्त करने के लिए ही की जाती हैं। जब शरीर, इन्द्रियाँ, मन व बुद्धि की सभी क्रियाएँ शान्त हो जाती हैं तभी उसकी अनुभूति होती है।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

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