Adhi Aurat Adha Khwab

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Adhi Aurat Adha Khwab

Adhi Aurat Adha Khwab

250.00 188.00

In stock

250.00 188.00

Author: Ismat Chugtai

Availability: 5 in stock

Pages: 136

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350008393

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

आधी औरत आधा ख्वाब
औरत… औरत… औरत… बुरी, अच्छी, बेवफा, बावफा, ऐसी, वैसी और ख़ुदा मालूम कैसी-कैसी। हर मुल्क और हर ज़माने में बड़े-बड़े चिन्तकों ने औरत के बारे में कोई न कोई राय ज़रूर कायम की है, कोई साहब उसके हुस्न पर ज़ोर दे रहे हैं तो कोई उसकी पारसाई और नेक सीरती पर मुसिर हैं, एक साहब का ख़याल है कि ‘‘ख़ुदा के बाद औरत का मर्तबा है’’ तो दूसरे साहब उसे ‘‘शैतान की ख़ाला’’ बनाने पर तुले हुए हैं। एक साहब फरमाते हैं ‘‘एक धोखेबाज़ मर्द से एक धोखेबाज़ औरत अधिक ख़तरनाक होती है।’’ जैसे कोई यह कहे कि काले मर्द से एक काली औरत अधिक काली होती है। कितनी शानदार बात कही है कि बस झूम उठने को जी चाहता है और अगर मैं खुद औरत न होती और उनकी बात ने मुझे बौखला न दिया होता तो कहने वाले का मुँह चूम लेती।

मुसीबत तो यह है कि इन नामाकूल बातों ने सिट्टी गुम कर रखी है। और मज़े की बात तो यह है कि जितना मर्दो ने औरत को समझने का दावा किया है उतना औरतों ने मर्दो के सम्बन्ध में कभी ऐसी बात अपनी अक़ल से नहीं बनायी। सदियों से औरत के सर ऐसे ऊटपटाँग इल्ज़ाम थोपकर चिन्तक ऐसे बौखलाने की कोशिश करते आये हैं, या तो वह उसे आसमान पर चढ़ा देते हैं या उसे कीचड़ में पटक देते हैं। मगर दोस्त और साथी कहते शरमाते हैं।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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