Andhi Gali

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Andhi Gali

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120.00 119.00

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Author: Akhil Mohan Patnaik

Availability: 5 in stock

Pages: 144

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9788172017675

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

अंधी गली

चारों ओर काफी अँधेरा है। ट्रेन के सभी यात्री सो रहे हैं। इसलिए कहीं से भी कोई आवाज नहीं आई। मद्रास स्टेशन अभी और तीन मील दूर है।

कम्पार्टमेंट का दरवाजा खोलकर क्षितीश, समीर का हाथ पकड़े हुए धीरे-धीरे नीचे उतर आया। ट्रेन के पीछे की ओर से कोई व्यक्ति एक लाइट लिये हुए ट्रेन के पास-पास चलते हुए आगे की ओर जा रहा था। क्षितीश और समीर बाहर के अँधेरे में समा गए।

कुछ दूर जाने के बाद दोनों मित्रों ने फिर एक बार पीछे मुड़कर देखा। ट्रेन के थके हुए इंजन के काले-काले धुएँ से आकाश को ढक लिया है। सीटी बजाती हुई ट्रेन ने चलना शुरु किया – आहिस्ता-आहिस्ता – मानों कोई अजगर किसी बड़े जानवर को निगलने के बाद चल नहीं पा रहा हो।

मद्रास स्टेशन के बाहरी सिगनल पर हरी बत्ती जल रही है – लाल नहीं।…

– इसी पुस्तक से

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Authors

Binding

Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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